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HMPV Outbreak: एचएमपीवी से खुद को और अपने परिवार को कैसे सुरक्षित रखें, जानें इसके लक्षण और जरूरी सावधानियां।

भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के पांच मामले सामने आए हैं। ये मामले कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में सामने आए हैं। HMPV के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। लेकिन सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि HMPV कोई नई बीमारी नहीं है। इसकी पहचान सबसे पहले साल 2001 में हुई थी। यह वायरस सांस की बूंदों के जरिए फैलता है और हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। ऐसे में हम आपको इस संक्रामक बीमारी के बारे में हर जरूरी जानकारी देते हैं।

क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक प्रकार का वायरस है जो फेफड़ों और सांस लेने को प्रभावित करता है। यह पक्षियों में पाए जाने वाले एक समान वायरस से संबंधित है। HMPV की खोज सबसे पहले 2001 में नीदरलैंड में हुई थी। यह आमतौर पर सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत में फैलता है, लगभग उसी समय जब फ्लू और RSV वायरस फैलते हैं।

HMPV के लक्षण क्या है?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) फेफड़ों और सांस लेने को प्रभावित करता है, जिससे गले में खराश, बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण होते हैं। यह मुख्य रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों को प्रभावित करता है। गंभीर मामलों में, यह निमोनिया या सांस लेने की समस्या पैदा कर सकता है। यदि आपको HMPV का संदेह है, तो जटिलताओं को रोकने के लिए तुरंत डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के प्रसार को रोकने में मदद करेंगी ये कुछ सावधानियां

सामान्य सावधानियां

अपने हाथ धोएं: अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं, खास तौर पर किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद।

हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें: अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो ऐसे हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें जिसमें कम से कम 60% अल्कोहल हो।

नज़दीकी संपर्क से बचें: बीमार व्यक्ति से कम से कम 3 फ़ीट की दूरी बनाए रखने की कोशिश करें।

अपना मुंह ढंकें: खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को टिश्यू से ढंकें और टिश्यू को ठीक से फेंक दें।

साफ और कीटाणुरहित करें: वायरस से दूषित हो सकने वाली सतहों और वस्तुओं को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें।

उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए विशेष सावधानियां

शिशुओं और छोटे बच्चों: उन्हें बीमार व्यक्ति से दूर रखें और सुनिश्चित करें कि उनका टीकाकरण अप-टू-डेट हो।

वृद्ध वयस्क: किसी भी बीमार व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने पर विचार करें।

कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग: किसी भी बीमार व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने पर विचार करें।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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