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ढाका: बांग्लादेश में पुलिस ने 41 पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। पूर्व अधिकारी छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान अत्याचार करने के आरोपी 1,059 पूर्व पुलिसकर्मियों में शामिल हैं। सोमवार को मीडिया में आई खबरों में इस बारे में जानकारी दी गई है। इस आंदोलन की वजह से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई थी और उन्हें देश से जाना पड़ा था।
कितने लोगों की हुई मौत
आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के भेदभाव विरोधी प्रदर्शन ने एक आंदोलन का रूप ले लिया था और हसीना की सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। बीते साल जुलाई और अगस्त के बीच हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान करीब 1,400 लोगों की जान चली गई थी।
दर्ज कराए गए हैं सैकड़ों मामले
समाचार पत्र ‘प्रथम आलो’ ने पुलिस मुख्यालय के गुमनाम अधिकारियों के हवाले से कहा कि अत्याचारों के जीवित बचे पीड़ितों या मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों ने मुख्य कानून प्रवर्तन एजेंसी के 1,059 अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए थानों और अदालतों में सैकड़ों मामले दर्ज कराए हैं। पुलिस ने अब तक 41 पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
इन अधिकारियों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस मुख्यालय ने कहा कि अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों में पुलिस के दो पूर्व महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल मामुन और एकेएन शाहिद-उल-हक और ढाका और दक्षिणपूर्वी बंदरगाह शहर चट्टोग्राम के पूर्व पुलिस आयुक्त – मोहम्मद असद-उज-जमां और मियां सैफ-उल- इस्लाम शामिल हैं। हक के अलावा ये अधिकारी हसीना के देश से चले जाने तक सेवारत थे।
देश छोड़कर भागे कुछ अधिकारी
सबसे अधिक 174 मामले ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त भगोड़े हारुन-उर- रशीद के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। गिरफ्तार पूर्व आईजीपी अल मामून पर 159 मामले दर्ज हैं। अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस प्रमुख और एक पुलिस आयुक्त समेत कई वरिष्ठ अधिकारी फरार हैं, जबकि माना जा रहा है कि उनमें से कुछ देश छोड़कर भाग गए हैं।