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Impact of Sleep on Diabetes: ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए लंच के बाद सोने से बचें, जानें विशेषज्ञों की सलाह।

डायबिटीज एक ऐसा गंभीर रोग है, जिसको सही लाइफस्टाइल से ही कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि डायबिटीज को कंट्रोल करने में नींद का बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए हर किसी को 8 घंटे की क्वालिटी वाली नींद जरूर लेनी चाहिए। यह शुगर पेशेंट के लिए बहुत जरूरी है। हालांकि डायबिटीज के मरीजों को लंच करने के बाद नींद लेने से बचना चाहिए। अगर आप खाना खाने के बाद भी सो जाते हैं, तो इस आदत को आज ही छोड़ देना चाहिए। क्योंकि इसका सेहत पर खराब असर पड़ता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर डायबिटीज के मरीजों को दोपहर के खाने के बाद सोना क्यों नहीं चाहिए।

डायबिटीज मरीज को दिन में क्यों नहीं सोना चाहिए
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसुलिन का ठीक प्रकार से शरीर इस्तेमाल नहीं कर पाता है। या फिर शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है। क्योंकि भोजन के बाद हमारे शरीर को इंसुलिन की आवश्यकता होती है। जिससे कि ब्लड में ग्लूकोज का लेवल नियंत्रित किया जा सके। ऐसे में जब आप भोजन करने के बाद सो जाते हैं, जो शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। जिससे ब्लड शुगर अनियंत्रित हो सकता है।
बता दें कि इस स्थिति में शरीर अधिक इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इससे ब्लड शुगर का लेवल अप-डाउन हो सकता है और ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। यह हाइपोग्लाइसीमिया यानी की ब्लड शुगर का लेवल कम होने का कारण बन सकता है। हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति में कमजोरी, चक्कर, सिरदर्द और यहां तक की बेहोशी की स्थिति भी बन सकती है। यही कारण है कि दोपहर में खाना खाने के बाद सोने से बचना चाहिए। इसलिए खाना खाने के बाद थोड़ा बहुत टहलकर या फिर कुछ हल्की-फुल्की फिजिकल एक्टिवटी करनी चाहिए। इससे डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
कारण
पाचन पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है
वजन बढ़ने का खतरा
नींद की गुणवत्ता पर असर
मेटाबॉलिज्म में कमी

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